आज कल जहाँ भी लिखा होता है,
"आप कैमरे की नज़र में है"
पढने के साथ ही व्यक्ति सतर्क हो जाता है, और यथासंभव ग़लत काम करने से परहेज़ करता है। जबकि ये मानव द्वारा निर्मित उपकरण मात्र है।
हम भूल जाते है कि हम हर समय परमात्मा की नज़र में हैं, और वहाँ की नज़र न ख़राब होती है, न बंद होती है, न किसी के नियंत्रण मे होती है, यानी बचने की कोई संभावना नहीं है।
ध्यान रहे आप सदैव परमात्मा की नज़र में है, कैमरे की नहीं।
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